बदलते मौसम में बीमारी से बचाएंगे ये घरेलू आसान उपाय

बदलते मौसम में बीमारी से बचाएंगे ये घरेलू आसान उपाय

रोहित पाल

आज का वातावरण पूरी तरह प्रदूषित हो गया है जो कि लोगों के लिए काफी खतरनाक है। प्रदूषण के कारण कई बीमारयां हो रही है। और तो और वातावरण में प्रदुषण के बढ़ते ही साँस लेने में तकलीफ होने लगती है। अचानक तापमान में बदलाव, मौसम में खुश्की के आलावा वातावरण में फैले प्रदुषण के छोटे-छोटे कण हमारे शरीर में चले जाते हैं और सांस लेने की नली से लेकर फेफड़ों में जैम जाते हैं। जिससे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां होने लगती हैं। आगे चलकर यही बीमारियां ब्रॉन्काइटिस, अस्थमा, सीओपीडी जैसी समस्याओं में भी बदल सकती हैं। इन सबसे बचने के लिए डॉक्टर के इलाज के आलावा घरेलु नुस्खे भी बहुत काम आते हैं। लोगों इस बढ़ते प्रदुषण से बहुत परेशान हैं खासकर जो लोग रोज काम के लिए बाहर निकलते हैं उन्हें तो प्रदूषण से जुडी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आगे पढ़िए कि कैसे हम खुद को प्रदूषण से बचाकर अपनी इम्युनिटी बढ़ा सकते हैं?

घरेलु उपाय-                

शरीर में जब सर्दी को कैसे दूर करें-

जुकाम के रूप में प्रदूषण के प्रति प्रतिक्रिया दिखने लगे तो 2 गिलास गर्म पानी पीकर मुंह ढककर मोटा कपड़ा ओढ़ लें और 20 मिनट पसीना आने दें। बलगम आसानी से बाहर निकल जाएगा। ऐसा 2 बार कर सकते हैं, लेकिन रात में जरूर करें ताकि दिन भर के प्रदूषण का असर कम किया जा सके।

1- हल्दी को पानी में उबालकर उससे गरारे करें। हल्दी के पानी को पी भी सकते हैं।

2- नमक के गरारे करें या पानी में मिलाकर पिएं।

3- कमर और छाती पर देसी घी में थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर मालिश करें। सैंधवादि तेल से भी मालिश कर सकते हैं। इससे अंदर जमा बलगम बाहर निकलेगा। दिन में 3-4 बार मालिश करनी चाहिए।

4- आयुर्वेद में सर्दी-जुकाम, इन्फेक्शन आदि के लिए तालीशादि चूर्ण, सितोपलादि चूर्ण, अभ्रक भस्म, चंद्रअमृत रस, लक्ष्मीविलास रस, वासाअवलेह, कनकासव, श्वासकुठा रस आदि दवाएं दी जाती हैं। श्वासकुठा रस अस्थमा में खासा असरदार है, लेकिन कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।

5- सौंठ, काली मिर्च, छोटी पिपली को एक साथ मिलाकर या अलग-अलग भी ले सकते हैं। 2-3 काली मिर्च, 5-7 पिपली, आधा इंची सौंठ को पानी में उबालकर या पीसकर सेवन करें। इन्हें आयुर्वेद में त्रिकटु के नाम से जाना जाता है। ये शरीर में गहरे तक जाकर प्रदूषण के कण बाहर निकाल देते हैं।

6- रोजाना थोड़ा-सा गुड़ (करीब 5 ग्राम) खाएं। इससे फेफड़े साफ होते हैं और धमनियां भी साफ होती हैं। चाय में गुड़ डालकर भी ले सकते हैं। रात में सोने से पहले भी गर्म दूध के साथ गुड़ ले सकते हैं। गुड़ को यों ही या फिर तिल के लड्डू बनाकर खा सकते हैं।

7 -पिसी काली मिर्च को शहद के साथ लेने से सीने में जमा कफ दूर होता है।

8- नाक को साफ रखने के लिए गाय के शुद्ध घी की एक-एक बूंद सुबह और शाम नाक में डालें। इससे हानिकारक तत्व फेफड़ों तक नहीं पहुंचते।

9- खट्टे फल खाएं, लेकिन सर्दियों में इन्हें धूप में रखकर या थोड़ी देर माइक्रोवेव में रखकर गर्म कर लें। हल्का गर्म होने पर खाएं तो नुकसान नहीं होगा।

अपनी इम्युनिटी ऐसे बढ़ाएं-

तुलसी (9-10 पत्ते), अदरक (आधा इंच), लौंग (2), काली मिर्च (2) एक गिलास पानी में उबाल लें। जब तक आधा हो जाए तब तक उबालें। गुनगुना पी लें। इन्हीं चीजों को चाय या दूध में उबालकर भी ले सकते हैं। अगर चाय में ले रहे हैं तो एक चुटकी नमक भी डाल लें। इससे गले को आराम मिलेगा।

1- रोजाना एक कप दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर उबाल लें। गुनगुना पिएं। हल्दी को गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं।

2- खजूर जरूर लें। यह इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ टॉनिक की तरह काम करता है। बड़े लोग दूध में 5-10 खजूर उबाल लें। फिर खजूर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। बच्चों को एक से तीन खजूर तक दे सकते हैं। 1 साल तक छोटे बच्चों को खजूर डालकर उबाला हुआ दूध पिलाएं।

 

इसे भी पढ़ें-

शराब छोड़ने के बाद शरीर में होते हैं ये बड़े बदलाव, जिन्हें अक्सर लोग समझ नहीं पाते

शराब छोड़ने के बाद शरीर में होते हैं ये बड़े बदलाव, जिन्हें अक्सर लोग समझ नहीं पाते

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।